देश भर में अक्षय तृतीया का पर्व आज यानी 10 मई को मनाया जा रहा है. अक्षय तृतीया जिसे आखा तीज भी कहा जाता है हिंदू धर्म के साथ-साथ जैन धर्म भी मनाया जाता है. इस पर्व को नई शुरुआत और समृध्दि का प्रतीक माना जाता है. अक्षय शब्द का अर्थ अविनाशी या अमर से होता है. इसीलिए कहा जाता है कि इस पर्व को सही से मनाता है उसे सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
हिंदू धर्म में वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया कहा जाता है. इस दिन को लेकर कई मान्यताएं हैं. इस दिन बिना पंचांग या बिना किसी शुभ मुहुर्त देखे किसी भी प्रकार के मांगलिक और शुभ कार्य को किया जा सकता है. इस दिन धन योग के साथ रवि योग, शुक्रादित्य योग, मालव्य योग और भी कई शुभ संयोग बनते हैं. इसलिए इस राजयोग में मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करने से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति होती है.
इस दिन सोना खरीदने की परंपरा है. इस दिन लोग सोने के सिक्के, आभूषण खरीदते हैं या फिर सोने में निवेश करते हैं. लेकिन सोना ही क्यों? सोना को धन-दौलत का भी प्रतीक माना जाता है. अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदने से घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है और धन का आगमन होता रहता है. चूंकि अक्षय तृतीया को बहुत ही शुभ दिन माना जाता है, इसलिए इस दिन किया गया कोई भी निवेश अच्छा फल देता है. सोना खरीदने के लिए ये बहुत ही उपयुक्त दिन माना जाता है. पीढ़ी दर पीढ़ी अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने की परंपरा चली आ रही है. यह भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा बन चुका है और त्योहार को मनाने का एक शुभ तरीका माना जाता है. भले ही अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने की परंपरा पुरानी है, लेकिन आजकल इसके मायने थोड़े बदल गए हैं.
आज देशभर में हनुमान जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. हर साल चैत्र शुक्ल की पूर्णिमा तिथि पर हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है. हनुमान मंदिर में सुबह से भक्तों की भीड़ देखी जा रही है. हिंदू धर्म में बजर
भारत में ईद उल फित्र के त्योहार को लेकर लोगों में उत्सुकता साफतौर पर देखी जा रही है। इस बीच भारत में मंगलवार (9 अप्रैल) को चांद दिखाई नहीं दिया। लखनऊ में 9 अप्रैल को ईद का चांद नहीं दिखा, जिसको दे
आज यानी सोमवार को साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. जिसमें पृथ्वी के कई हिस्सों में पूरे दिन अंधेरा छाया रहेगा. हालांकि ये सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा. करीब 7 सालों के बाद ये सूर्
दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत माउंट एवरेस्ट है। इसकी ऊंचाई 8,849 मीटर है। माउंट एवरेस्ट पर अब तक 7000 से अधिक लोग चढ़ चुके हैं और अभी भी लोगों के चढ़ने का सिलसिला जारी है। लेकिन इन सबसे इतर हिमालय में एक
चैत्रमाह में पलास के पेड़ों में खिलने वाले फूल टीशू का बड़ा महत्व है. टीशू का फूल माँ दुर्गा का सबसे प्रिय फूल है. पलास के पेड़ में लगने वाला टीशू फूल शास्त्रों में तीन रंग लाल, सफेद और पीले रंग के
मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले में स्थित अवंतीपुर बड़ोदिया में आज यानी रंगपंचमी से 15 दिनों तक पर मेले का आयोजन किया जाएगा. यहां नेवज नदी के सूखे हुए परिसर में लगता है. हजारों की संख्या में श्रद्ध
गुड फ्राइडे को वैसे तो त्योहार के रूप में मनाया जाता है. लेकिन ईसाई धर्म के लोगों के लिए यह दिन पर्व नहीं शोक दिवस है. इस दिन को गुड फ्राइडे के अलावा ग्रेट फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या होली फ्राइड
दुनिया का पहला और एकलौता मंदिर जहां माता सीता की पूजा भगवान श्रीराम के बिना की जाती है. यानी यहां जो प्रतिमा है उसमें माता सीता के साथ भगवान श्रीराम नहीं है. मध्य प्रदेश में स्थित इस मंदिर में
होली सनातन धर्म के प्रमुख पर्व में से एक है. बसंत आते ही इस त्यौहार को बड़े धूम धाम से मनाया जाता है. फाल्गुन माह के पूर्णिमा की रात को होलिका दहन किया जाता है. और अगले ही दिन रंगों के साथ होली खे
देश के दिल मध्यप्रदेश में एक बार फिर से भगोरिया मेला लगने जा रहा है. इस मेले की कई खासियते हैं, माना जाता है कि इस मेले के आयोजन की मान्यता भगवान शंकर से जुड़ी है. लेकिन धीरे-धीरे आदिवासी अंचल मे
होली सनातन धर्म के प्रमुख पर्व में से एक है. बसंत आते ही इस त्यौहार को बड़े धूम धाम से मनाया जाता है. फाल्गुन माह के पूर्णिमा की रात को होलिका दहन किया जाता है. और अगले ही दिन रंगों के साथ होली खे
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में आज बुधवार को राजधानी भोपाल में 11 बजे मंत्रालय में कैबिनेट बैठक सम्पन्न हुई. इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा के बाद मुहर लगाई गई. इ
आज (शुक्रवार, 29 सितंबर) भाद्रपद मास की अंतिम तिथि पूर्णिमा है। इसी तिथि से पितरों के लिए धूप-ध्यान, श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने का 16 दिवसयी पर्व पितृपक्ष शुरू होता है। शुक्रवार को
भोपाल | गृहस्थ जीवन वालों के लिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी छह सितंबर को मनाना शुभ रहेगा। प्रतिवर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाने वाला श्रीकृष्ण जन्माष्टमी इस बार बेहद ख
इस साल अधिक मास के सावन महीने की अमावस्या तिथि 16 अगस्त को है। जो कि बुधवार को दोपहर 3 बजे तक रहेगी। अधिक मास की अमावस्या को धर्म ग्रंथों में पर्व कहा गया है। इस तिथि पर पितरों की विशेष पूजा की जात
14 अगस्त को सावन का 6वांसोमवार है। साथ ही अधिकमास का ये चौथा सोमवार है। सावन सोमवार और अधिकमास का ये विशेष संयोग पूरे 19 सालों बाद बन रहा है। हिन्दू धर्म में अधिकमास का बहुत महत्व माना जाता है। अध
12 अगस्त, शनिवार को चातुर्मास और पुरुषोत्तम महीने की एकादशी का संयोग बन रहा है। अधिक मास में भगवान विष्णु की पूजा आराधना के साथ ही पितरों की भी पूजा करने का विधान है। पुराणों के मुताबिक अधिक मास
10 अगस्त को पुरुषोत्तम महीने का गुरुवार है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा करने का विधान पुराणों में बताया गया है। इस दिन विष्णुजी की पूजा के साथ सत्यनारायण कथा करने और सुनने का भी महत्व मान
7 अगस्त को सावन का पांचवां सोमवार है। साथ ही अधिकमास का ये तीसरा सोमवार है। सावन सोमवार और अधिकमास का ये विशेष संयोग पूरे 19 सालों बाद बन रहा है। हिन्दू धर्म में अधिकमास का बहुत महत्व माना जाता ह
मिट्टी के शिवलिंग को कहा जाता है पार्थिव शिवलिंग। कलयुग में मिट्टी के शिवलिंग के पूजन का है विशेष महत्व। शिवलिंग की ऊंचाई 12 अंगुर से अधिक नहीं होनी चाहिए। भगवान शिव एकमात्र ऐसे देवता हैं जिनक
शनि को कर्मफलदाता और न्यायाधिपति कहा जाता है। शनिदेव जातकों को उसके द्वारा किए गए कर्मों के आधार पर शुभ और अशुभ फल प्रदान करते हैं। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या सभी के मन में डर पैदा करती है। शन
4 अग्त दिन शुक्रवार को सावन की संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जा रहा है ।यह व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को किया जाता है। सावन मास में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी को गजानन संकष्टी चतु
अधिक मास के चलते इस साल सावन मास में दो संकटा चतुर्थि हैं। अधिकमास का कृष्ण पक्ष 2 अगस्त 2023 से शुरू हो रहा है। अधिकमास के कृष्ण पक्ष की चतुर्ती को विभुवन संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। ये व
पुरुषोत्तम महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पुरुषोत्तमी एकादशी कहते हैं। ये नाम पद्मपुराण में बताया गया है। हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक पुरुषोत्तमी एकादशी व्रत अधिक मास में आता ह
शनिवार, 29 जुलाई को सावन अधिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी है, इसका नाम पद्मिनी है। भगवान विष्णु के साथ पीपल और तुलसी के पौधे की पूजा की भी परंपरा है। ऐसा करने से इस व्रत का पूरा फल मिलता है। पीपल मे
अधिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पद्मिनी एकादशी कहते हैं। पुरुषोत्तम मास में की पहली एकादशी होने से इसे पुरुषोत्तमी भी कहा जाता है। 3 साल में आने वाली ये तिथि बहुत ही खास होती है। जो कि इस बा
19 सालों बाद अधिकमास और सावन का योग बना है । अधिक मास 16 जुलाई से 17 अगस्त तक रहेगा। और सावन 30 अगस्त तक । पुराणों में इस महीने को बहुत खास बताया गया है। इस पवित्र महीने में भगवान विष्णु की पूजा, व्रत, स
24 जुलाई को सावन का तीसरा सोमवार है। साथ ही अधिकमास का ये पहला सोमवार है। सावन सोमवार और अधिकमास का ये विशेष संयोग पूरे 19 सालों बाद बन रहा है। हिन्दू धर्म में अधिकमास का बहुत महत्व माना जाता है।
साल 2023 में अधिकमास और सावन का योग पूरे 19 साल बाद आया है। इस बार का सावन बहुत ही फलदायी माना जा रहा है। अधिकमास 18 जुलाई से हो चुका है और यह 17 अगस्त तक रहेगा।हिंदू कैलेंडर के इस अतिरिक्त महीने को अक्
21 जुलाई को सावन अधिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी है। इस दिन पूजा-पाठ के नजरिए से कई शुभ योग बन रहे हैं। 21 जुलाई को सावन, अधिक मास, चतुर्थी और शुक्रवार का संयोग है। इन योगों में गणेश जी, शिव जी, लक्ष
17 जुलाई को सावन महीने की अमावस्या और सोमवार है। इसके बाद 18 तारीख से अधिक मास शुरू हो जाएगा। सावन माह की अमावस को हरियाली अमावस्या कहते हैं। इस साल ये तिथि सोमवार को होने से इसे सोमवती अमावस्या क
सावन के महीने को पवित्र महीना कहा जाता है। सावन का पूरा माह शिव पूजा के लिए समर्पित है। शिव पूजा के साथ साथ इस महीने भगवान विष्णु की भी पूजा का महत्व है। इस बात का जिक्र महाभारत सहित भविष्य और श
आज सावन महीने का पहला सोमवार है। सावन का महीना और इसमें पड़ने वाले हर एक सोमवार का विशेष महत्व होता है।और इस बार का सावन सोमवार और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि आज अष्टमी तिथि है।सावन के महीने में
हिंदुओं का पवित्र महीना सावन शुरु हो चुका है। इस महीने को भगवान शिव का महीना माना जाता है। सावन में सोमवार का महत्व और भी बढ़ जाता है। सोम यानि शिव यानि की सोमवार शिव का दिन साथ ही सावन शिव का मह
भगवान शिव के भक्तों का पावन पवित्र महीना सावन 4 जुलाई 2023 को शुरू हो रहा है। इस बार मलमास वढ़ने के कारण सावन 58 दिनो तक चलेगा ये महीना 4 जुलाई से 31 अगस्त को खत्म होगा। इस साल सावन में कुल 8 सावन सोमवार
गुप्त नवरात्रि का आखिरी दिन यानि की गुप्त नवरात्रि की 9 वीं तिथि। आज माता की साधना का अंतिमन दिन है। माना जाता है आज के दिन माता को खुश करने से पूरे 8 दिन की पूजा का लाभ मिलता है। इसलिए आज माता की स
गुप्त नवरात्रि का प्रत्येक दिन अपने आप में बहुत ही महत्वपूर्ण है। हर दिन माता के अलग-अलग रूपो की साधना की जाती है। गुप्त नवरात्रि के 8 वें दिन माता के बगलामुखी रुप की साधना की जाती है। माता की प
अषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि साधना के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। आज गुप्त नवरात्रि का 7 वां दिन है। इस दिन मां शक्ति के विरकाल स्वरुप यानि कि कालरात्रि रूप की साधना का महत्व है। ऐसा कहा ज
गुप्त नवरात्रि का हर दिन साधना की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। नवरात्रि के प्रत्येक दिन शक्ति के अलग-अलग रुपों की पूजा की जाती है। छठे दिन माता के कात्यायनी स्वरूप की आराधना और साधना की जाती
गुप्त नवरात्रि का प्रत्येक दिन साधना की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। नवरात्रि के प्रत्येक दिन शक्ति के अलग-अलग रुपों की पूजा की जाती है। चौथा दिन माता की शक्ति का स्वरुप है। इस दिन माता के क
21 जून 2023 बुधवार। आज अषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का तीसरा दिन है। आज जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की तृतीय शक्ति मां चंद्रघंटा की पूजा का महत्व है। मां चंद्रघंटा की पूजा करने से बल बुद्धि और विद
20 जून 2023 मंगलवार। अषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का दूसरा दिन। आज माता की पूजा और साधना का करने से विषेष फल मिलता है। गुप्त नवरात्रि के दूसरे दिन मां तारा देवी की पूजा होगी। तारा देवी की पूजा करने क
आज से आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि शुरू हो गई है। जो कि 9 दिन तक यानि कि 27 जून तक चलेगी। इस नवरात्रि में देवी मां की दस महाविद्याओं की साधना की जाती है। ये साधनाएं तंत्र-मंत्र से जुड़े लोग करते हैं
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एकांतवास में चले गए हैं। वे अगले 5 दिन एकांत में रहकर सनातन धर्म पर किताब लिखेंगे। बाबा चाहते हैं कि उनकी ये किताब देश के सभी स्कूलों
भोपाल के करोंद ग्राउंड में चल रही पं. प्रदीप मिश्रा की शिवपुराण कथा का आज समापन हो गया। कथा 2 बजे से शुरू हो कर शाम 5 बजे तक चली। जिसमें सीएम शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और
आज, 14 जून बुधवार को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी यानि कि योगिनी एकादशी है। एकादशी का भारतीय संस्क्रति में बहुत महत्व है।आज के दिन भगवान विष्णु का व्रत रखने की परंपरा है, जिससे घर-परिवार की स
भोपाल | जबलपुर | भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की मांग उठाने वाले बागेश्वर धाम के महाराज पंडित धीरेंद्र शास्त्री इस दिनों जबलपुर में है | अपने दिव्य दरबार में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने क
भोपाल | जबलपुर | बागेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने एक बार फिर अपने बयान से सबको चौंका दिया है | भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की मांग करने वाले पंडित शास्त्री का कहना है की भारत में रहन
मुंबई | भोपाल | मध्यप्रदेश के छतरपुर के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पिछले कई महीनों से चर्चाओं में बने हुए हैं। कई लोग धीरेंद्र शास्त्री पर आरोप लगा रहे हैं, तो कई लोग उनका खुलकर समर्थन भी कर
भोपाल | राजधानी में दो कथावाचकों देवकीनंदन ठाकुर महाराज और पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कृष्ण जन्म भुमि और काशी को लेकर लेकर बड़ी बात कही है |पहली बार यह दोनों कथावाचक राजधानी में एक साथ मं
पटना | भोपाल | बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर बिहार के वन मंत्री तेजप्रताप यादव ने बड़ा बयान दिया है | 13 मई से पटना में पंडित शास्त्री की कथा और दिव्य दरबार का कार्यक्रम है
सीहोर | भोपाल | मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुसार देवीधाम सलकनपुर में 29 मई से 31 मई 2023 तक तीन दिवसीय देवी अराधना महोत्सव मनाया जाएगा। देवी आराधना महोत्सव के पूर्व प्रत्येक गांव तथा
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